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अध्यक्ष के आते ही दो साल से लंबित भर्तियों को मिलेगी रफ्तार, यूपीटीईटी के लिए भी खत्म होगा इतंजार

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को पहला स्थायी अध्यक्ष मिलने के बाद दो साल से लंबित पड़ी भर्तियों को रफ्तार मिलेगी। वहीं, दो साल से उत्तर ...

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को पहला स्थायी अध्यक्ष मिलने के बाद दो साल से लंबित पड़ी भर्तियों को रफ्तार मिलेगी। वहीं, दो साल से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को भी जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। अध्यक्ष की नियुक्ति न होने के कारण आयोग से जुड़े सभी नीतिगत निर्णय अटके हुए थे। अभ्यर्थियों का मानना है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रो. कीर्ति पांडेय खुद शिक्षा जगत से जुड़ी हुईं हैं। ऐसे में वह शिक्षा विभाग में भर्तियों को पूरी गंभीरता से लेंगी और नियुक्ति के बाद जल्द ही लंबित भर्ती परीक्षाओं की तिथियां घोषित करेंगी। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी)/प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त-2022 में पूरी हो चुकी है। टीजीटी-पीजीटी के लिए 13.19 लाख और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन कर रखे हैं। काफी समय से से रिक्त चल रहा है पद
अभ्यर्थियों ने दोनों भर्तियों की परीक्षा तिथियां घोषित किए जाने की मांग को लेकर शिक्षा सेवा चयन आयोग में कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया लेकिन आयोग में स्थायी अध्यक्ष न होने के कारण परीक्षा तिथियों पर निर्णय नहीं हो पा रहा था। आयोग के सूत्रों का कहना है कि नए अध्यक्ष के कार्यभार संभालने के बाद पहली या दूसरी बैठक में लंबित भर्तियां शुरू कराए जाने से संबंधित प्रस्ताव रखा जाएगा और उम्मीद है कि सितंबर में ही भर्ती परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी जाएंगी। वहीं, अध्यक्ष के आने के बाद रिक्त हुए नए पदों पर भर्ती शुरू करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजकर अधियाचन मांगे जाने की तैयारी भी है, ताकि नई भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए जा सकें। वहीं, अभ्यर्थियों को यूपीटीईटी का भी इंतजार है। इससे पहले वर्ष 2021 में यूपीटीईटी का आयोजन किया गया था, जो पेपर निरस्त होने के कारण निरस्त कर दी गई थी और जनवरी-2022 में यूपीटीईटी दोबारा कराई गई थी। आज लखनऊ में ज्वाइन करेंगी प्रो. कीर्ति पांडेय उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष बनाई गईं गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रो. कीर्ति पांडेय सोमवार को लखनऊ में ज्वाइन करेंगी। वह कार्यवाहक अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल से कार्यभार ग्रहण करेंगी। इसके बाद प्रयागराज स्थित शिक्षा सेवा चयन आयोग कार्यालय जाएंगी। यहां के स्टाफ एवं सदस्यों ने नए अध्यक्ष की स्वागत की तैयारियां कर ली हैं। शासन की प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा निर्णय प्रो. कीर्ति पांडेय ने कहा कि शासन की प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 और अशासकीय विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों पर लंबित भर्ती मामले के तकनीकी पहलुओं को समझकर निर्णय लिया जाएगा। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा है पूरा परिवार प्रो. कीर्ति पांडेय का मायका गोरखपुर के कैंपियरगंज में है, लेकिन परिवार के सभी लोग शहर में जटेपुर उत्तरी कॉलोनी में रहते हैं। उनकी ससुराल देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के खोखर गांव में है। उनके पति डॉ. राजेश पांडेय स्वास्थ्य विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर रह चुके हैं। उनके तीनों बेटे भी डॉक्टर हैं। प्रो. कीर्ति का लंबा है प्रशासनिक अनुभव प्रो. कीर्ति का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह जून 2023 से डीडीयू में डीन आर्ट्स हैं। वर्ष 2011-14 तक वह समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष रहीं। वर्ष 2015 से 2017 तक वह डीडीयू स्थित यूजीसी-एचआरडीसी की निदेशक रहीं। अक्तूबर 2021 में उन्हें भारत सरकार की ओर से तीन साल के लिए नाथ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग का विजिटर्स नॉमिनी नियुक्त किया गया था। वहां इसी महीने उनका कार्यकाल पूरा होगा। प्रो. कीर्ति राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के बोर्ड ऑफ स्टडीज की सदस्य रही हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और आरएमएल अवध यूनिवर्सिटी में से रिसर्च डिग्री समिति की भी सदस्य रह चुकी हैं। करीब 40 वर्षों का है शिक्षण अनुभव उच्च शिक्षा में शिक्षक के रूप में प्रो. कीर्ति पांडेय का 39 वर्षों का लंबा अनुभव है। वर्ष 1985 में समाजशास्त्र विभाग में उन्होंने एडहॉक पर लेक्चरर के रूप में शिक्षण कार्य शुरू किया था। वर्ष 1987 में एसवी डिग्री कॉलेज, देवरिया में एजुकेशन सर्विस कमीशन की परीक्षा के जरिए नियुक्ति हुई थी। वर्ष 1988 में लेक्चरर के रूप में गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थायी रूप से नियुक्त हुई थी। वर्ष 2006 से प्रोफेसर हैं। प्राथमिक से उच्चतर शिक्षा तक नियुक्ति करेगा आयोग उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बेसिक और माध्यमिक से लेकर एडेड महाविद्यालयों तक में शिक्षक भर्ती करेगा। पहले इसके लिए अलग-अलग आयोग होते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एकीकृत शिक्षक भर्तियां करने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अधिनियम 23 अगस्त 2023 को बनाया गया। इसमें एक अध्यक्ष और 12 सदस्यों के पद सृजित किए गए थे। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक एमपी अग्रवाल को कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था। लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अपना पहला पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलने पर युवाओं में भी उत्साह है।

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