अयोध्या में सरयू खतरे के निशान से मात्र तीन सेमी नीचे रह गई है। अन्य नदियों का भी जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन, वह खतरे के निशान से नीचे हैं। इस ...
अयोध्या में सरयू खतरे के निशान से मात्र तीन सेमी नीचे रह गई है। अन्य नदियों का भी जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन, वह खतरे के निशान से नीचे हैं। इस बीच सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने अपने विभाग के इंजीनियरों को सतर्क कर दिया है। वे बंधों की सतत निगरानी कर रहे हैं।
काफी दिनों तक बारिश नहीं होने के कारण सभी नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे चली गई थीं। इससे सिंचाई विभाग का पूरा महकमा निश्चिंत हो गया था। लग रहा था कि अब बाढ़ नहीं आएगी। अचानक नेपाल में हुुई बारिश की वजह से राप्ती नदी उफना गई। खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे पहुंच चुकी राप्ती अचानक बढ़ने लगी।

तीन दिन में उसने खतरे का निशान पार कर लिया। वह बर्डघाट में लाल निशान से 6 सेमी ऊपर बह रही है। सरयू नदी बरहज में जहां 90 सेमी ऊपर बह रही है जबकि यही अयोध्या में खतरे के निशान से 3 सेमी नीचे है। सुबह तक यहां भी खतरे का निशान पार करने की पूरी संभावना है।
नेपाल से निकल कर राप्ती में मिलने वाली रोहिन नदी अभी खतरे के निशान से 64 सेमी नीचे है। जबकि गोर्रा नदी खतरे के निशान से अभी 80 ओर कुआनो दो मीटर से अधिक नीचे है।
मुख्य अभियंता, सिंचाई विभाग विकास कुमार सिंह ने बताया कि सरयू व राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। लेकिन, अभी कहीं पर कोई दिक्कत नही है। वह कई बंधों का निरीक्षण कर के आए हैं। हर जगह स्थिति सामान्य है। बंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। विभाग के इंजीनियर लगातार निगरानी कर रहे हैं। पिछले दिनो राप्ती खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच गई। तब भी स्थिति सामान्य रही।
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