Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
TRUE

Pages

Breaking

latest

🔴LIVE TVदेश प्रदेश की बड़ी खबरें -

लंबी छुट्टियों की वजह से कम मतदान की आशंका जताई

भाजपा ने लंबी छुट्टियों की वजह से कम मतदान की आशंका जताई और इसी आधार पर पार्टी ने चुनाव आयोग से मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। भाज...

भाजपा ने लंबी छुट्टियों की वजह से कम मतदान की आशंका जताई और इसी आधार पर पार्टी ने चुनाव आयोग से मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। भाजपा की दलील है कि एक अक्तूबर के पहले और बाद में छुट्टियां पड़ रही हैं। लंबी छुट्टियों की वजह से लोग प्रदेश के बाहर घूमने जा सकते हैं। अब चुनाव आयोग पर निर्भर है कि वह भाजपा के अनुरोध पर क्या निर्णय लेता है। दरअसल भाजपा ने यूं ही तारीख बढ़ाने की बात नहीं की है। इसके पीछे पार्टी ने पूरा होमवर्क किया है और उसके बाद चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है। जानकार बताते हैं पिछले चुनावों के आंकड़े गवाह हैं कि कम मतदान से भाजपा को ही हुआ है। एक फीसदी कम मतदान से भी सीटें कम और ज्यादा हो जाती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब 65 फीसदी मतदान हुआ, जो 2019 के मुकाबले करीब पांच फीसदी कम था। पांच फीसदी मतदान कम होने का नुकसान भाजपा को ही हुआ। भाजपा हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में से पांच पर ही कब्जा जमा पाई। पार्टी को 46 फीसदी मत हासिल हुआ। 2019 में जब 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ तो भाजपा को सभी दस सीटें मिली थीं। इसी तरह बीते विधानसभा चुनावों के आंकड़े भी कुछ इस तरह की गवाही देते हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में 68.20 फीसदी मतदान हुआ था और 2014 के विधानसभा चुनाव में 76.61 फीसदी मतदान हुआ। कम मतदान से 2019 में भाजपा की सात सीटें कम हो गईं। 2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीती थीं, जबकि 2019 में 40 सीटें।
आज चुनाव आयोग ले सकता है फैसला भाजपा की ओर से मतदान बढ़ाने के अनुरोध पर चुनाव आयोग मंगलवार को फैसला ले सकता है। संभव है कि पांच से छह दिन मतदान की तारीख बढ़ जाए। यदि तारीख नहीं बढ़ती तब भी चुनाव आयोग इस बारे में भाजपा व दूसरे दलों को सूचित करेगा। भाजपा की रणनीति का हिस्सा है मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग : प्रो. प्रमोद गौरी रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर व हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष प्रमोद गौरी ने बताया कि मतदान की तारीख बढ़ाने की मांग के पीछे भाजपा की सोची समझी रणनीति हो सकती है। इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि कम मतदान से भाजपा को नुकसान होता है और वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से भाजपा का वोट प्रतिशत भी बढ़ता है। केंद्र सरकार की ओर से घोषित नई पेंशन योजना भी इसका एक कारण हो सकता है। कर्मचारी वर्ग भाजपा से नाराज चल रहा है। अब भाजपा इस योजना को जमीन तक ले जाने की पूरी कोशिश करेगी। इसके लिए भाजपा को थोड़ा समय तो चाहिए होगा। इसलिए मतदान की तारीख बढ़ाने का एक कारण यह भी हो सकता है। भाजपा का पूरा फोकस शहरी मतदाताओं पर है। शहरी लोग छुट्टियां मनाने जाते हैं, इसलिए भी भाजपा ने मतदान की तारीख बढ़ाने की मांग की है।

No comments

अपना विज्ञापन बॉक्स लगवाएं


अपना विज्ञापन बॉक्स लगवाएं